बंगाल और पहलगाम में बेचारे हिन्दू अपनेही हिन्दुस्तान में चुनचुन के मारे जा रहे हैं, अफसोस…पहलगाम में हुए आतंकी हमलेसे ये बात तो तय हो गई हैं की आतंकवाद का भी धर्म होता हैं और आतंकी हमले स्थानीय ग़द्दारो के बिना नहीं हो सकते हैं ।
कनाडा मे हिन्दू मंदिर पे और एक बार हमला हुआ । कुछ महीनों से बांगलादेश मे हिन्दू पे अत्याचार हो रहे है । भारत मे भी हिन्दू त्योहारों में पत्थरबाजी की जाती है फिर भी दुनियाभर हिन्दू कुंभकर्ण की तरह सोये हुए है । कनाडा और बांग्लादेश से हिन्दूओं को देश छोड़ने को कहा जा रहा है ।
कहा जाएंगे ये हिन्दू ???, क्योंकि दुनिया में एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं हैं ।
बारहवीं शताब्दी तक दिल्ल्ली के आखरी हिन्दू राजा थे सम्राट पृथ्वीराज चौहान, जिन्होंने एक लुटेरे को बहोत बार हराया, लेकिन इंसानियत के नाते उसको बार-बार छोड दिया । लेकिन, जिस दिन सम्राट पृथ्वीराज चौहान धोखे हार गये, तब उनको मारा गया । अगर उस लुटेरे को पहेले ही मार दिया होता, तो आज भारत का इतिहास कुछ और होता ।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बाद दिल्ली के सिंहासन पर कभी कोई हिन्दू राजा नही बैठा । अनेकों वर्षो तक भारत को लुटेरों ने लूटा । लुटेरों ने जितना हो सके उतना हिन्दूओं की सभी जातियों पे अत्याचार किया । उनके मंदिर तोड़े, धर्मांतर किया, हिन्दू संस्कृति का पतन किया ।
महाराणा प्रतापजी और छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दू धर्म को वापस प्रस्थापित किया । छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य स्थापन करके हिन्दुओं के खोए हुए गौरव को वापिस स्थापित किया । उनके बाद धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज ने हिन्दू धर्म के लिए प्राण निछावर कर दिए । जिन लुटेरों ने छत्रपति संभाजी महाराज को धर्मांतर करने के लिए मारा, उन्हीं लोगों का समर्थन आज भी भारत में कई हिन्दू करते हैं । कितना बड़ा अधर्म हैं ये ।
छत्रपति संभाजी महाराज के बाद छत्रपति राजारामजीने पेशवाई को सत्ता देके हिन्दू धर्म का विस्तार किया । पूरे देश में भगवा राज हो गया।
लेकिन हिन्दू वापिस बट गए और पानिपत के दूसरे युद्ध में हिन्दू हार गए । उसका फायदा अंग्रेज, पोर्तुगीज और फ्रेंच लुटेरों ने उठाया । उन्होंने हिंदुओंके हर जातीपाती के लोगों पे अत्याचार किया । देश को लुटा, धर्मांतर किया, हिन्दू संस्कृति का पतन किया ।
राणी लक्ष्मीबाई, नाना फड़नवीस, तात्या टोपे, मंगल पांडे और क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय उठाव करके मुह तोड जवाब दिया । उनके बाद लोकमान्य तिलक, भगतसिंग, चंद्रशेखर आझाद, राजगुरू, सुभाष चंद्र बोस, लाला लजपत राय, सरदार पटेल, स्वातंत्र्यवीर सावरकर और स्वतंत्रता सेनानियोंने संघर्ष करके देश को आजादी दिलाई ।
सोचा गया, आझाद होने के बाद देश आगे बढ़ेगा । लेकिन धर्म के आधार पर देश का बटवारा हुआ । हिन्दू फिर से एक बार बट गया और बटवारा होने पर चुप रहा । उस बटवारे का खामियाजा हमारा देश आज तक भुगत रहा हैं । बटवारा धर्म के आधार पर होने के बावजूद दो इस्लामिक देश बने लेकिन भारत, हिन्दू देश नहीं बन पाया, क्योंकि हिन्दू वापिस बट गया और चुप रहा ।
भारत में आज भी हिन्दू त्योहारों पे पाबंदी लगायी जाती हैं, पत्थर फेंके जाते हैं, दंगे किए जाते क्योंकि देश के कानून हिन्दू विरोधी हैं इसीलिए न चाहकर भी हिन्दू मौन हैं । चुपचाप रोटी, कपड़ा और मकान के पीछे भाग रहा हैं । देश में उनकी गिनती लगतार घट रही हैं, फिर भी हिन्दू मौन हैं । भारत में प्रभु राम को काल्पनिक कहा गया, मन्दिरों पर कब्ज़ा किया गया, फिर भी हिन्दू मौन रहा ।
हिन्दू लोग देश के बटवारे के वक़्त चुप रहे, बॉम्ब स्फोट होने के बाद चुप रहे, दंगे होने के बाद चुप रहे,
कश्मीरी पंडितों पे हुए अत्याचार के बाद चुप रहे, आतंकी हमले होने के बाद चुप रहे, हिन्दूओं के खिलाफ हुए जहरीले भाषणों के बाद चुप रहे, बांग्लादेश में हिन्दूओं पे अत्याचार के बाद चुप रहे ।
इन सबका खामियाजा हिन्दुओं को भुगताना पड रहा हैं, क्योंकि दुनिया में सभी धर्मों के देश लेकिन एक भी हिन्दू देश नहीं हैं । इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार हैं तो वो हिन्दू हैं, क्योंकि अभी भी हिन्दू सोया हैं ।
दुनिया में मुख्य धर्म और उनके देशों की संख्या :
ईसाई धर्म (31.1%) – दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक धर्म है, जिसमें दुनिया की आबादी का लगभग 31.2% शामिल है। अनुमान है कि इसके अनुयायी, 157 देशों और क्षेत्रों में जनसंख्या का बहुमत हैं।
इस्लाम (24.9%) – इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की सदस्य सूची के अनुसार, दुनिया में 57 मुस्लिम देश हैं। इनमें से 49 देशों में मुस्लिम बहुल आबादी है।
बौद्ध धर्म (6.6%) – दुनिया में चार देश हैं जहां बौद्ध धर्म आधिकारिक धर्म है: भूटान, कंबोडिया, म्यांमार और श्रीलंका। बौद्ध धर्म कई अन्य देशों में भी बहुसंख्यक धर्म है, जिनमें शामिल हैं: थाईलैंड, लाओस और मंगोलिया। बौद्ध धर्म कई अन्य देशों में भी एक महत्वपूर्ण धर्म है, जिनमें शामिल हैं: चीन, जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, भारत और नेपाल।
यहूदी धर्म (0.2%) – यहूदी आबादी वाले कई देश हैं, लेकिन इज़राइल यहूदी बहुमत वाला एकमात्र देश है.
हिंदू धर्म (15.2%) – हालांकि 90 प्रतिशत से अधिक हिंदू भारतीय उपमहाद्वीप (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान) में रहते हैं । हिंदू हर महाद्वीप पर रहते हैं, और दुनिया में तीन हिंदू बहुसंख्यक देश हैं: भारत, नेपाल और मॉरीशस।
हिन्दू धर्म दुनिया का तीसरा बड़ा धर्म हैं, फिर भी दुनिया में हिन्दू धर्म का एक भी आधिकारिक देश नहीं हैं, क्योंकि हिन्दू ख़ुद को धर्मनिरपेक्ष समझाता हैं ।
हिन्दू इतने सहिष्णू हैं की सिनेमा घरोंमें हिंदुओं का मज़ाक उड़ानेवाले सिनेमा दिखाए जाते हैं और हिन्दू उस सिनेमा पर अपना पैसा खर्च करके हिट बनाते हैं । जिस ad में उनका मज़ाक उड़ाया जाता उसी product को ज्यादा खरीदते हैं ।
हिन्दू इतने धर्मनिरपेक्ष हैं कि खुद के त्योहारों का समान हिन्दुओं से नहीं, ब्लकि दूसरों से खरीदते हैं ।
भारत में हिन्दू सिर्फ एक ATM बनके रहे गया हैं । जो रात-दिन मेहनत करके, इन्कम टैक्स भर रहा हैं, ताकि उनका ही विरोध करने वालों को और घुसपैठियों को सुविधा मिलती रहे ।
रामायण और महाभारत का युद्ध धर्म रक्षा के लिए हुआ । क्योंकि अगर तुम धर्म की रक्षा करोगे तभी धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा । लेकिन, शायद हिन्दू इस बात को भूल गए हैं ।
भारत में सनातन की बात करनेवालों साधु संतों को मज़ाक़ उड़ाया जाता हैं, उनको मारा जाता हैं । हिंदुओं को अहिंसा का गलत पाठ पढाके कमजोर बनाया गया । जबकि पूरा श्लोक हैं –
“अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च”
https://www.youtube.com/clip/Ugkx1q-4vH5QP9kTZLick9WVGVV7DeppcI0l
सारी दुनिया जानती हैं कि ‘हिन्दू दुनिया का केंद्र बिंदु हैं’, इसीलिए उठो मेरे हिन्दू भाई-बहनों, हिन्दूराष्ट्र का संकल्प करें, अखंड भारत के लिए प्रतिज्ञा ले । क्योंकि अभी नहीं, तो कभी नहीं ।
“गर्व से कहो हम हिन्दू हैं” यह नारा महान आध्यात्मिक संत स्वामी विवेकानंद ने दिया था । अब ये नारा वापिस दोहराने का वक़्त आ गया हैं l
जाग जाओ हिन्दुओं,
नहीं तो,
‘बटोगे तो कटोगे‘